म.प्र. जन अभियान परिषद
प्रस्फुटन समितियों द्वारा किये जा रहे कार्यों का मूल्यांकन एवं अनुशरण
(मध्य प्रदेश शासन , योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग)
Vision & Mission

मध्यप्रदेश दृष्टि पत्र 2018 के अनुसार ''समावेशी विकास के लिए समाज के वंचित वर्गों हेतु समुचित अवसरों का विस्तार'' के अनुक्रम में अनुसूचित जनजाति व उन सभी समूहों, जिन पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता हैं, का समेकित विकास राज्य की प्राथमिकता है इसी तारतम्य में शासन द्वारा विभिन्न कार्यक्रम एवं योजनाओं का संचालन किया जा रहा है जिनमें मुख्‍यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्‌यक्रम भी सम्मिलित है इस पाठ्‌यक्रम का उद्‌देश्य स्वैच्छिकता एवं सामूहिकता के भाव से समाज के विकास एवं उत्थान के लिऐ कार्यरत्त लोगों को शिक्षित एवं क्षमता सम्पन्न बनाकर सशक्त सामाजिक नेतृत्वकर्ता के रूप में विकसित करना एवं प्रदेश सुदूर अंचलों में बसे समाज तक मध्यप्रदेश शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं को सुगमता से पहुँचना है जो कि जन अभियान परिषद्‌ के उद्‌देश्यों के समरूप है।

जन अभियान परिषद योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, म.प्र. शासन द्वारा वित्त पोषित निकाय है। परिषद् का मूल उद्‌देश्य शासन तथा समुदाय के मध्य सशक्त एवं प्रभावी सेतु के रूप में कार्य करने के लिए स्वैच्छिक संगठनों को क्षमता सम्पन्न बनाना है। परिषद द्वारा प्रस्फुटन योजना अर्न्त्गत वर्तमान में प्रदेश के 18 हजार ग्रामों में स्थानीय स्तर की स्वैच्छिक संगठनों (प्रस्फुटन समितियों) का निर्माण कर वित्त पोषण किया जा रहा है तथा नवांकुर योजना अंतर्गत प्रदेश में पूर्व से गठित लगभग 2000 स्वंय सेवी संगठनों (नवांकुर समितियों) का चयन कर क्षमतावर्धन एवं वित्त पोषण किया जा रहा है। परिषद द्वारा इन संस्थाओं के माध्यम से ''आओ बनाये अपना स्वर्णिम मध्य प्रदेश अभियान'' के अंतर्गत चिंहाकित नौ विषयों सहित मध्यप्रदेश दृष्टि पत्र 2018 में उल्लेखित समस्त 15 विषयों पर जन सहभागिता के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। इस हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश के 20 जिलों के 89 अनुसूचित जनजाति विकासखण्डों में मुख्‍यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्‌यक्रम के संचालन एवं क्रियान्वयन का दायित्व जन अभियान परिषद्‌ को सौपा गया है। इसी की तर्ज पर प्रदेश शेष 30 जिलों के 224 गैर अनुसूचित विकासखण्डों में भी इस पाठ्‌यक्रम का संचालन किया जा रहा है।